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शनिवार, 8 जनवरी 2011

दिलो के जज्बात !!!!!!!!!!!!!!शब्दों में बयान !!

(१)   हमको दो गूंट की खैरात ही दे दो वरना ,प्यास पागल हो तो दरिया भी नही छोडती है .
और अब के जब गाँव से लौटे तो ये अहसास हुआ के, दुश्मनी खून के रिश्ते भी नही छोडती है !!  
  (२)  बढ़ गया था प्यास का अहसास दरिया देखकर ,हम पलट आये मगर पानी को प्यासा देखकर
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अज़ीज़ इतना ही रख्खो के जी बहल जाये , अब इस कदर ना चाहो के दम निकल जाये !!!हां हां 
जब से जले हुए घर देखे है इन आँखों ने ,रोशनी मुझको चिरागों की बुरी लगती है !
 
पसीने बाटता फिरता है हर तरफ सूरज,कभी जो हाथ लगा तो निसोड़ दूंगा उसे .
मज़ा सखा के ही माना हु मैं भी दुनिया को, समझ रही थी ऐसेही छोड़ दूंगा उसे !
 
अंधेरे चारो तरफ साय:साय:करने लगे चिराग हाथ उठा कर दुआ करने लगे ,
और सलिखा जिनको सिखाया था हमने चलने का ,वो लोग आज हमें दाए बाये करने लगे !!
 
ना हमसफ़र ना हमनशी से निकलेगा .हमारे पांव का काँटा हमी से निकलेगा !!
 
ना हमसफ़र ना हमनशी से निकलेगा .हमारे पांव का काँटा हमी से निकलेगा !!
 
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है ॥
दिल ना चाह कर भी, खामोश रह जाता है ॥
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है॥
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता है ॥
 
असर है ये उनकी अदाओं का , जब वो इतने प्यारे लगते है ,
जब वो कहते है वादा है मेरा , झूटे वादे भी सच्चे लगते है ....

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