मैं इस उम्मीद पे डूबा कि तू बचा लेगा
अब इसके बाद मेरा इम्तेहान क्या लेगा
यह एक मेला है वादा किसी से क्या लेगा
ढलेगा दिन तो हर एक अपना रास्ता लेगा
मैं बुझ गया तो हमेशा को बुझ ही जाऊँगा
कोई चिराग नहीं हूँ जो फिर जला लेगा
कलेजा चाहिए दुश्मन से दुश्मनी के लिए
जो बे-अमल है वो बदला किसी से क्या लेगा
मैं उसका हो नहीं सकता बता न देना उसे
सुनेगा तो लकीरें हाथ की अपनी वो सब जला लेगा
हज़ार तोड़ के आ जाऊं उस से रिश्ता कृष्णपाल
मैं जानता हूँ वो जब चाहेगा बुला लेगा
लोकप्रिय पोस्ट
-
परिंदों को मंजिल मिलेंगी यकीनन यह फैले हुए उनके पर बोलते है वोही लोग रहते है खामोश अक्सर ज़माने में जिनके हुनर बोलते ...
-
अपनी पहचान मिटने को कहा जाता है. बस्तिया छोड़ के जाने को कहा जाता है पत्तिया रोज़ गिरा जाती है जहरीली हवा और हमें पेड़ लगाने को कहा जाता ह...
-
मुझको तो नहीं तुमको खबर हो शायद , लोग कहते हैं तुमने मुझे बर्बाद कर दिया >>>>>>>>>>>>>&...
-
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुँजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिन्दा न हों । एक दिन तुझ से मिलनें ज़रूर आऊँगा, ज़िन्दगी मुझ को ...
-
(१)दुनिया में और भी वजह होती है दिल के टूट जाने की लोग युही मोहब्बत को बदनाम किया करते है !! >>>>>>&...
-
(१) हमको दो गूंट की खैरात ही दे दो वरना ,प्यास पागल हो तो दरिया भी नही छोडती है . और अब के जब गाँव से लौटे तो ये अहसास हुआ के, दुश्मनी ख...
-
इंसान की ख्वाहिशों की कोई इंतहा नही दो गज़ ज़मीन भी चाहिये दो गज़ कफन के बाद !! .............................................................
-
कभी होती थी तनहाइयों में भी मेरे होटों पर हँसी, आज महफिलों में भी मुझे दर्द-ऐ-दिल हुआ करता है. मेरे जीने की आरजू करते थे मेरे दुश्मन भी कभ...
-
एक ग़लतफ़हमी थी जो आज मंज़ूर हो गई , तू मेरी नज़रों से और भी ज्यादा दूर हो गई . ये तेरी आँखें जिसमे कभी शराब से ज्यादा ...
-
हाले - दिल सब को सुनाने आ गये खुद मज़ाक अपना उडाने आ गये फ़ूंक दी बीमाशुदा दूकान खुद फ़िर रपट थाने लिखाने आ गये मार डाली पहली बीवी, क्या ह...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें