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शनिवार, 29 जनवरी 2011

हाले - दिल सब को सुनाने आ गये ~~

हाले - दिल सब को सुनाने आ गये
खुद मज़ाक अपना उडाने आ गये

फ़ूंक दी बीमाशुदा दूकान खुद
फ़िर रपट थाने लिखाने आ गये

मार डाली पहली बीवी, क्या हुआ
फ़िर शगुन ले के दिवाने आ गये

खेत, हल और बैल गिरवी रख के हम
शहर में रिक्शा चलाने आ गये

तेल की लाइन से खाली लौट कर
बिल जमा नल का कराने आ गये

प्रिंसीपल जी लेडी टीचर को लिये
देखिए पिक्चर दिखाने आ गये

हांकिया ले कर पढाकू छोकरे
मास्टर जी को पढाने आ गये

घर चली स्कूल से वो लौट कर
टैक्सी ले कर सयाने आ गये
कांख में ले कर पडौसन को जनाब
मौज मेले में मनाने आ गये

बीवी सुन्दर मिल गई तो घर पे लोग
खैरियत के ही बहाने आ गये

शोख चितकबरी गज़ल ले कर 'कृष्णपाल 
तितलियों के दिल जलाने आ गये

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