फ़िर हवा शाम की चलती है तो बिखर जाते हैं !!
(२) खुद को चुनते हुए दिन सारा गुज़र जाता है कृष्ण
फ़िर हवा शाम की चलती है तो बिखर जाते हैं !!
(३) सूखी शाखों पर तो हमने लहू छिड़का था कृष्ण
कलियां अब भी न खिलती तो कयामत होती !!
(4) मोहब्बत की परस्तिश के लिये एक रात ही काफी है कृष्ण
सुबह तक जो ज़िन्दा रह जाये वो परवाना नहीं होता !!
सुबह तक जो ज़िन्दा रह जाये वो परवाना नहीं होता !!
वरना क्या कुछ नहीं खोया हमने उसे पाने के लिये !!
(६)कुछ इसलिये भी तुम से मोहब्बत है कृष्ण
मेरा तो कोई नहीं है तुम्हारा तो कोई हो !!
(७)डूबने वाला था, और साहिल पे चेहरों का हुजूम
पल की मोहलत थी, मैं किसको आंख भर के देखता !!
(८) अजब लुत्फ आ रहा था दीदार-ए-दिल्लगी का कृष्ण
के नज़रें भी मुझ पर थीं और परदा भी मुझ से था !!
(९)मेरे जज़्बात से वाकिफ है मेरा कलाम कृष्ण
मैं प्यार लिखूं तो नाम तेरा लिखा जाता है !!
(10)बाद मरने के भी उसने छोड़ा न दिल जलाना कृष्ण
रोज़ फ़ेंक जाती है फूल साथ वाली कब्र पर !!
(११)जो भी बिछड़े हैं कब मिले हैं कृष्ण
फ़िर भी तू इंतज़ार कर शायद !!!
(१२)वो जिसके पास रहता था दोस्तों का हुजूम
सुना है कृष्णपाल कल रात एहसास-ए-तनहाई से मर गया !!
सुना है कृष्णपाल कल रात एहसास-ए-तनहाई से मर गया !!
(१३)वो अपने फायदे की खातिर फिर आ मिले थे हम से कृष्ण
हम नादां समझे के हमारी दुआओं में असर है !!
हम नादां समझे के हमारी दुआओं में असर है !!
(14) मुझे तुम रूह में बसा लो तो अच्छा है कृष्ण
दिल-ओ-जान के रिश्ते अक्सर टूट जाया करते हैं !!
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